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अध्याय 1 -अर्थशास्त्र की अवधारणा एवं अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्त्व (Concept of Economics and Significance of Statistics in Economics) 

अर्थशास्त्र क्या है? (What is Economics?)  

अंग्रेजी भाषा में अर्थशास्त्र को Economics कहा जाता है। अंग्रेजी भाषा का यह शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Oikos (घरेलू) तथा Nemein (प्रबंध) से लिया गया है। इनका अर्थ होता है गृह प्रबंध।

 

अर्थशास्त्र हिंदी के दो शब्दों, अर्थ = धन तथा शास्त्र = वैज्ञानिक अध्ययन से मिलकर बना है।

निम्नलिखित तत्वों से परिभाषा बनाई जा सकती है।

  1. आवश्यकताएँ- असीमित
  2. साधन [धन]- सीमित
  3. अधिक से अधिक आवश्यकताओं की संतुष्टि

 

प्रत्येक गृहस्थ की आवश्यकताएँ असीमित होती हैं, परंतु उन्हें संतुष्ट करने वाले अधिकतर साधन सीमित होते हैं सीमित साधनों को असीमित आवस्यकता  पर इस प्रकार खर्च करना है कि अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो जाए ,जिस शास्त्र में यह अध्ययन किया जाता है उसे अर्थशास्त्र कहते है

 

अर्थशास्त्र के कितने मूल अंश हैं? Principal Components of Economics

नार्वे के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री तथा अर्थशास्त्र के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रैगनर फ्रिश ने अर्थशास्त्र को दो भागों में बांटा है

अर्थशास्त्र के दो मूल अंश व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र

1.व्यष्टि-अर्थशास्त्र– अंग्रेजी भाषा में ‘व्यष्टि’ को Microकहा जाता है। अंग्रेजी भाषा का यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द Mikros से लिया गया है जिसका अर्थ है छोटा (SMALL)

व्यष्टि- अर्थशास्त्र केवल एक आर्थिक इकाई की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन करता है, जैसे एक व्यक्तिगत गृहस्थ की नमक के लिए माँग, अथवा कुछ आर्थिक इकाइयों के छोटे से समूह जैसे बाजार की नमक के लिए माँग । अतएव व्यष्टि – अर्थशास्त्र में हम व्यक्तिगत इकाइयों जैसे एक उपभोक्ता, एक फर्म, एक उद्योग की आर्थिक क्रियाओं तथा किसी एक विशिष्ट वस्तु के मूल्य का अध्ययन करते हैं।

2.समष्टि अर्थशास्त्र –

अंग्रेजी भाषा में ‘समष्टि’ को Macro’ कहा जाता है । अंग्रेजी भाषा का यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द Makros से लिया गया है, जिसका अर्थ है बड़ा (Large)। यह संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक क्रियाओं एवं आर्थिक समस्याओं का अध्ययन करता है। राष्ट्रीय आय, रोजगार एवं कीमत स्तर से संबंधित विषय समष्टि अर्थशास्त्र के मूल अंग है।

प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी आर्थिक क्रिया में लिप्त है। हम सभी उपभोक्ता हैं, अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए हम विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का उपभोग करते हैं । उपभोग एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक क्रिया (Economic Activity) है।

उपभोक्ता कौन है? (Who is a Consumer?)

 उपभोक्ता एक वह व्यक्ति है जो अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं का उपभोग करता है।

उपभोग क्या है? (What is Consumption ?)

 उपभोग एक क्रिया है जिसके द्वारा अपनी आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं के उपयोगिता मूल्य का प्रयोग होता है।

वस्तु के उपयोगिता मूल्य का अर्थ है मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं की क्षमता या गुण (शक्ति)।

उत्पादक कौन है? (Who is a Producer?) 

उत्पादक वह व्यक्ति है जो आय अर्जित करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन या बिक्री करता है।

उत्पादन क्या है? (What is Production?) 

उत्पादन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कच्चे माल को उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित किया जाता है। वस्तुएं तभी उपयोगी होती हैं जब उत्पादन प्रक्रिया में वे उपयोगिता मूल्य प्राप्त कर लेती हैं।

बचत क्या है? (What is Saving?) 

यह आय का वह भाग है जिसका उपभोग नहीं किया जाता। एक प्रकार से यह उपभोग से त्याग या संयम (Abstinance) की एक क्रिया है।

निवेश क्या है? (What is Investment? ) 

यह उन पूंजीगत परिसंपत्तियों (Assets) की खरीद पर किया गया व्यय है जो हमें आय अर्जित में सहायता देता है।

अतएव हम उपभोक्ता, उत्पादक, बचतकर्ता तथा निवेशकर्ता हैं। हम सभी विभिन्न आर्थिक क्रियाओं में संलग्न हैं। आर्थिक क्रियाओं में उपभोग, उत्पादन, बचत, निवेश तथा अन्य कई सम्मिलित होते हैं।

आर्थिक क्रिया क्या है ? (What is Economic Activity?

यह वह क्रिया है जिसका संबंध दुर्लभ साधनों (संसाधनों) के प्रयोग से है। आवश्यकताओं की तुलना में साधन सदैव दुर्लभ होते हैं। D>S

आधुनिक अर्थशास्त्र के एक प्रतिपादक, एल्फ्रेड मार्शल ( Alfred Marshall) के अनुसार, विभिन्न आर्थिक क्रियाओं में लगे होने के कारण हम ‘जीवन का सामान्य व्यवसाय’ निभा रहे हैं। अतएव वह अर्थशास्त्र को “जीवन के सामान्य व्यवसाय के संबंध में मानव जाति के अध्ययन” के रूप में परिभाषित करता है ।” (Economics is a study of mankind in the ordinary business of life.)

आर्थिक समस्या क्या है? (What is Economic Problem?) 

हमारी आवश्यकताओं के संदर्भ में हमारे साधन दुर्लभ(सीमित) हैं और इन साधनों के वैकल्पिक उपयोग हैं।इसलिए हमें चुनना करना पड़ता है चुनना करना आर्थिक समस्या है

यह चयन की समस्या है (वैकल्पिक उपयोगों में दुर्लभ(सीमित)  संसाधनों के आवंटन की समस्या है जो इस तथ्य के कारण उत्पन होती है कि संसाधन दुर्लभ हैं और इनके वैकल्पिक उपयोग हैं।

हमारी आवश्यकताओं के संदर्भ में हमारे साधन दुर्लभ हैं और इन साधनों के वैकल्पिक उपयोग हैं। यदि दुर्लभता न होती, तब कोई भी आर्थिक समस्या न होती और यदि कोई भी आर्थिक समस्या न होती तो अर्थशास्त्र भी नहीं होता । इसीलिए

रॉविन्स के अनुसार अर्थशास्त्र एक वह विज्ञान है जो वैकल्पिक उपयोगों वाले सीमित साधनों तथा उद्देश्यों से संबंध रखने वाले मानवीय व्यवहार का अध्ययन करता है।” (Economics is a science that studies human behaviour as a relationship between ends and scarce means which have alternative uses. -Robbins) 

 सांख्यिकी क्या है ? (What is Statistics?

सांख्यिकी संख्यात्मक-सूचनाओं (आंकड़े) भण्डार है। जिनमे कारण और परिणाम संबंधित हो।

सांख्यिकी से अभिप्राय है संख्यात्मक सूचना या उनसे संबंधित परिमाणात्मक तथ्य एवं निष्कर्ष । (Statistics means quantitative information or quantification of the facts and findings relating to different phenomena.)

सांख्यिकीबहुवचन संज्ञा (Statistics – A Plural Noun) 

बहुवचन के रूप में सांख्यिकी का अर्थ अंकों के रूप में व्यक्त की गई सूचना अथवा आँकड़ो (Statistics) से होता है, जैसे जनसंख्या संबंधी आँकड़े, रोजगार संबंधी आँकड़े, सार्वजनिक व्यय के आँकड़े इत्यादि । संख्यात्मक तथ्यों के समूह को सांख्यिकी कहा जाता है। निम्नलिखित तालिका द्वारा दो प्रकार के आँकड़े प्रकट होते हैं। एक तो वे आँकड़े जो सांख्यिकी हैं और दूसरे वे आँकड़े जो सांख्यिकी नहीं हैं:

आँकड़े जो सांख्यिकी नहीं हैं (Data which are not Statistics)  आँकड़े जो सांख्यिकी नहीं हैं (Data which are Statistics)
1. गाय की चार टाँगें हैं। 1. भारत में 26 वर्ष से ऊपर की आयु के युवकों की औसत ऊँचाई 6 फिट है जबकि नेपाल में 5 फिट है।
2. राम की जेब में दो सौ रुपये हैं। 2. भारत में जन्म दर 18 प्रति हजार है जबकि अमेरिका में 8 प्रति हजारहै।
3. एक 100 कि०मी०/घंटा की तेज रफ्तार वाले टक द्वारा एक महिला को घायल करना । 3. पिछले 10 वर्षों में भारत ने क्रिकेट के 60 टेस्ट मैच जीते हैं तथा50 हारे हैं।

सभी सांख्यिकी आँकड़े हैं। परंतु सभी आँकड़े सांख्यिकी नहीं हैं।

 

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